हम-नशीं उफ़ इख़्तिताम-ए-बज़्म-ए-मय-नोशी न पूछ By Qita << दीदा-ए-दिल को यूँ नज़र आय... मुद्दतों कोर-निगाही दिल क... >> हम-नशीं उफ़ इख़्तिताम-ए-बज़्म-ए-मय-नोशी न पूछ हो रहा था इस तरह महसूस होश आने के ब'अद जिस तरह दिहात के स्टेशनों पर दिन-ढले इक सुकूत-ए-मुज़्महिल गाड़ी गुज़र जाने के ब'अद Share on: