हम-सफ़र By Qita << हसरत ए'तिबार >> वक़्त की धूप तेज़ होती है हम-सफ़र हो तो राह कट जाए सहल हो जाए फिर तो जोहद-ए-हयात दिल न सहमे ख़याल बट जाए Share on: