हंगामा-ए-हस्ती से इक साथ गुज़र जाएँ Admin Qita << जिस्म को छोड़ के रूदाद हु... जिस रौशनी में लूट ही की आ... >> हंगामा-ए-हस्ती से इक साथ गुज़र जाएँ ख़ुशियों में बहम दोनों और ग़म में बहम दोनों जिस तरह कि बर्ग-ए-गुल रहते हैं सदा यकजा शो'लों में बहम दोनों शबनम में बहम दोनों Share on: