हाथ जो बहर-ए-दुआ उठे हैं झुक जाएँगे By Qita << हाल-ए-दिल तुम से आज कहता ... हवा के सय्याल बाज़ुओं पर ... >> हाथ जो बहर-ए-दुआ उठे हैं झुक जाएँगे हर नज़र तिश्ना-ब-लब हो के दुहाई देगी आप पर्दे में छुपा लेंगी न चेहरा जब तक ईद के चाँद की सूरत न दिखाई देगी Share on: