हुस्न-ए-बे-पर्दा की यलग़ार लिए बैठे हैं By शहीद, अदा, Qita << मय-ख़ानों की रौनक़ हैं कभ... रूह की आँच में उबाला है >> हुस्न-ए-बे-पर्दा की यलग़ार लिए बैठे हैं तिरछी नज़रों के कड़े वार लिए बैठे हैं देखिए कौन शहादत की सआदत पाए हाथ में आज वो तलवार लिए बैठे हैं Share on: