झेल कर सख़्ती पुलिस की और थानेदार की Admin कानून शायरी, Qita << ज़रूरतों ने सताया है इस क... आज वो काम किया है मिरी मह... >> झेल कर सख़्ती पुलिस की और थानेदार की मलक के क़ानून से मज़लूम बद-ज़न हो गया जेल में कुछ और इस को मिल गए उस्ताद-ए-फ़न कल जो लुटिया चोर था परफ़ेक्ट रहज़न हो गया Share on: