जितना बाक़ी है वो इम्कान उठा रखा है Admin Qita << तुम रंग हो तुम नूर हो तुम... हसीन कितनी है दुनिया-ए-रं... >> जितना बाक़ी है वो इम्कान उठा रखा है फ़िक्र-ए-फ़र्दा में ये औसान उठा रखा है कैसे मुड़ के तुझे देखेंगे तू ही सोच ज़रा हम ने सर पे अभी सामान उठा रखा है Share on: