कत्थई आँखों वाली इक लड़की By Qita << अभी न रात के गेसू खुले न ... दावर-ए-हश्र मुझे तेरी क़स... >> कत्थई आँखों वाली इक लड़की एक ही बात पर बिगड़ती है तुम मुझे क्यूँ नहीं मिले पहले रोज़ ये कह के मुझ से लड़ती है Share on: