ख़ानक़ाहों के खुलें दर किस तरह By Qita << कुछ समझ में नहीं आता ये त... ख़ाना-जंगी ही में हज़रत म... >> ख़ानक़ाहों के खुलें दर किस तरह हैं किवाड़ अब तंग अपनी चूल में हुक्म-ए-गर्दूं है कि हल्क़े छोड़ दो या प्रेस में जाओ या इस्कूल में Share on: