मैं ने माना तिरी मोहब्बत में By Qita << फिर भी करते हैं 'मीर&... माह-ओ-अंजुम के सर्द होंटो... >> मैं ने माना तिरी मोहब्बत में दिल के दिल ही में रह गए अरमान फिर भी इस बात का यक़ीं है मुझे ना-मुकम्मल नहीं मिरा रूमान Share on: