मायूस हो गई है दुआ भी जबीन भी By Qita << तेरे माथे पे ये नुमूद-ए-श... कहीं दरिया कहीं वादी कहीं... >> मायूस हो गई है दुआ भी जबीन भी उठने लगा है दिल से ख़ुदा का यक़ीन भी तस्कीं की एक साँस हमें बख़्श दीजिए ये आसमाँ भी आप का और ये ज़मीन भी Share on: