मेरी फ़िक्र-ओ-नज़र के चेहरे पर By Qita << हाल का लम्हा लम्हा छलनी ह... लड़कियाँ चुनती हैं गेहूँ ... >> मेरी फ़िक्र-ओ-नज़र के चेहरे पर हादसों की कई ख़राशें हैं ये मिरे शेर मेरे शेर नहीं एक सद-चाक दिल की क़ाशें हैं Share on: