मेरी तन्हाइयाँ भी शाएर हैं By Qita << जिन को मल्लाह छोड़ जाते ह... किराए का घर >> मेरी तन्हाइयाँ भी शाएर हैं नज़्र-ए-अशआर-ओ-जाम रहती हैं अपनी यादों का सिलसिला रोको मेरी नींदें हराम रहती हैं Share on: