मिरी गली में ये आहट थी किस के क़दमों की Admin बड़े शायरी हिंदी, Qita << मिरी जवानी बहारों में भी ... काविश-ए-सुब्ह-ओ-शाम बाक़ी... >> मिरी गली में ये आहट थी किस के क़दमों की ये कौन चाँद से दामन बचा के गुज़रा है मिरे उदास दरीचे मुझे बताते हैं बड़े ही दर्द से कोई बुला के गुज़रा है Share on: