मुजरिम-ए-सरताबी-ए-हुस्न-ए-जवाँ हो जाइए By Qita << दावर-ए-हश्र मुझे तेरी क़स... है मोहब्बत हयात की लज़्ज़... >> मुजरिम-ए-सरताबी-ए-हुस्न-ए-जवाँ हो जाइए गुल-फ़िशानी ता-कुजा शोला-फ़िशाँ हो जाइए खाईएगा इक निगाह-ए-लुत्फ़ का कब तक फ़रेब कोई अफ़्साना बना कर बद-गुमाँ हो जाइए Share on: