मुझे साग़र दोबारा मिल गया है By Qita << बूढ़े माँ बाप बिलकते हुए ... चाँद की पिघली हुई चाँदी म... >> मुझे साग़र दोबारा मिल गया है तलातुम में किनारा मिल गया है मिरी बादा-परस्ती पर ना जाओ जवानी को सहारा मिल गया है Share on: