न ख़ुदा है न नाख़ुदा साथी By Qita << याद-ए-माज़ी में यूँ ख़याल... मैं तो भूला नहीं तुम भूल ... >> न ख़ुदा है न नाख़ुदा साथी नाव को आप ही चलाना है या बग़ावत से पार उतरना है या रऊनत से डूब जाना है Share on: