नज़र नज़र में उतरना कमाल होता है Admin भूला दिया शायरी, Qita << ऐसे कंकर फेंकता हूँ मैं ये किसी नाम का नहीं होता >> नज़र नज़र में उतरना कमाल होता है नफ़स नफ़स में बिखरना कमाल होता है बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है Share on: