नक़्श तीखे बाँकी चितवन दाँत मोती की क़तार By Qita << इस्लामाबाद गर्द-ए-नफ़रत से बचा लेता ... >> नक़्श तीखे बाँकी चितवन दाँत मोती की क़तार सुब्ह की लाली का मंज़र उस की रंगत का निखार झूम कर रह रह के उस के खिलखिलाने का समाँ फूल बरसाए हवा से जैसे शाख़-ए-हर-सिंघार Share on: