नींद उड़ जाएगी रातों को शिकायत होगी Admin बाल आग्रह शायरी, Qita << पा लिया फिर किसी उम्मीद न... मुझ को इन अर्ज़ी ख़ुदाओं ... >> नींद उड़ जाएगी रातों को शिकायत होगी मैं न समझा था तुम्हें इतनी मोहब्बत होगी नज़रें ढूँडेंगी हर इक राह पे क़दमों के निशाँ बाल बिखराए हुए मंज़िलों वहशत होगी यही आशुफ़्ता-मिज़ाजी है तो ऐ जान-ए-वफ़ा आज बस्ती में है कल शहर में शोहरत होगी Share on: