ओ हसरत-ए-विसाल न देख इस तरह न देख By Qita << पार उतरा हूँ किस क़रीने स... मेरे आक़ा तुझे बंदे का ख़... >> ओ हसरत-ए-विसाल न देख इस तरह न देख ओ बद-नज़र कहीं वो मुकर्रर ख़फ़ा न हो क्या हो गया जो शान-ए-ख़ुदा कह दिया तुझे इतनी सी बात पर बुत-ए-काफ़िर ख़फ़ा न हो Share on: