रात यूँ दिल में तिरी खोई हुई याद आई By Qita << ज़िंदगी और शराब की लज़्ज़... वो सर-ए-शाम बाम पर आए >> रात यूँ दिल में तिरी खोई हुई याद आई जैसे वीराने में चुपके से बहार आ जाए जैसे सहराओं में हौले से चले बाद-ए-नसीम जैसे बीमार को बे-वज्ह क़रार आ जाए Share on: