वो सर-ए-शाम बाम पर आए By Qita << रात यूँ दिल में तिरी खोई ... तिमतिमाते हैं सुलगते हुए ... >> वो सर-ए-शाम बाम पर आए मुँह को पूरब में इस तरह मोड़ा एक सुहागन ने देख कर उन को सत-नरायन के बर्त को तोड़ा Share on: