रहा बरसात में ऐ शैख़ मैं सूखा न तू सूखा By Qita << इस ग़म-ओ-यास के समुंदर मे... जिसे हर शेर पर देते थे तु... >> रहा बरसात में ऐ शैख़ मैं सूखा न तू सूखा यहाँ तो जिस क़दर बारिश हुई उतना लहू सूखा भरा था इस क़दर पानी हर इक कोठे में आँगन में नमाज़ी घर की दीवारों पे कर निकले वज़ू सूखा Share on: