रूह को एक आह का हक़ है By Qita << यूँ नदी में ग़ुरूब के हंग... मौत की आग में तप तप के नि... >> रूह को एक आह का हक़ है आँख को इक निगाह का हक़ है एक दिल मैं भी ले के आया हूँ मुझ को भी इक गुनाह का हक़ है Share on: