सियासी अस्तबल By Qita << ख़ू-ए-लैल-ओ-नहार देखी है हुस्न तेरा कभी गुल और कभी... >> अब सियासी अस्तबल का ये नया दस्तूर है इक गधा आगे बढ़ेगा दूसरा रह जाएगा जो गधे कमज़ोर होंगे कर दिए जाएँगे क़त्ल जिस गधे में जान होगी वो गधा रह जाएगा Share on: