सो रही है गुलों के बिस्तर पर By Qita << वो तार के इक खम्बे पे बैठ... नसीम-ए-सुब्ह-ए-तसव्वुर ये... >> सो रही है गुलों के बिस्तर पर एक तस्वीर-ए-रंग-ओ-निकहत-ओ-नाज़ जिस के माथे की नर्म लहरों पर चाँदनी रात पढ़ रही है नमाज़ Share on: