ताज जब मर्द के माथे पे नज़र आता है By Qita << गिरती हुई बूँदें हैं कि प... जो हक़ीक़त है उस हक़ीक़त ... >> ताज जब मर्द के माथे पे नज़र आता है यक-ब-यक ख़ूँ मिरी आँखों में उतर आता है जब नज़र आता है औरत की जबीं पर मुझ को इज्ज़-ओ-तस्लीम का हर नक़्श उभर आता है Share on: