तू है ज़ाहिर परस्त ऐ दुनिया Admin घुंघरू पर शायरी, Qita << उस की ख़ुश्बू से मोअ'... शे'र की मैं रदीफ़ बन ... >> तू है ज़ाहिर परस्त ऐ दुनिया महके गेसू का दर्द क्या जाने सब तो झंकार के हैं मतवाले कोई घुंघरू का दर्द क्या जाने Share on: