तुम्हारे हुस्न को मेरी नज़र लगी है ज़रूर By Qita << यूँ मिरे ज़ेहन में लर्ज़ा... रंग पर रंग निखरते ही चले ... >> तुम्हारे हुस्न को मेरी नज़र लगी है ज़रूर कहाँ हो पहले से तब्दील हो गए हो तुम ख़ुदा करे मिरी आँखों से नूर छिन जाए निगाह-ए-शौक़ में तहलील हो गए हो तुम Share on: