वक़्त बढ़ता रहा मौसम मौसम By Qita << रात ढलने लगी है सीनों में तिरी ज़ुल्फ़ें हैं कि साव... >> वक़्त बढ़ता रहा मौसम मौसम नई रुत आई नए फूल खिले उन्हीं राहों में गुज़रगाहों में तुम से पहले भी कई लोग मिले Share on: