वक़्फ़-ए-हिरमान-ओ-यास रहता है By Qita << साल-हा-साल फ़ज़ाओं में शर... यूँ मिरे ज़ेहन में लर्ज़ा... >> वक़्फ़-ए-हिरमान-ओ-यास रहता है दिल है अक्सर उदास रहता है तुम तो ग़म दे के भूल जाते हो मुझ को एहसाँ का पास रहता है Share on: