या ख़ादिम-ए-दीं होना या मज़हर-ए-दीं होना By Qita << ज़िक्र उस्ताद-ए-फ़न का जा... सुकून-ए-ज़िंदगी तर्क-ए-अम... >> या ख़ादिम-ए-दीं होना या मज़हर-ए-दीं होना या तख़्त-नशीं होना या ख़ाक-नशीं होना जब कुछ भी नहीं करना जब कुछ भी नहीं होना इस नंग से बेहतर है पैवंद-ए-ज़मीं होना Share on: