ये बोसीदा फटी गुदड़ी ये सूराख़ों भरी कमली By Qita << ये मुलाक़ात लूटे लेती है ये आरज़ुएँ ये जोश-ए-अलम य... >> ये बोसीदा फटी गुदड़ी ये सूराख़ों भरी कमली जिसे सब आसमाँ के नाम से मौसूम करते हैं तिरी रहमत के क़ुर्बां! इस को नीचे फेंक दे या-रब ज़मीं वाले बहुत रातों की सर्दी में ठिठुरते हैं Share on: