यूँ तो अक्सर ख़याल आता था By Qita << मुफ़्लिसी और इस में घर पर... 'मीर' को ज़ोफ़ मे... >> यूँ तो अक्सर ख़याल आता था मैं जो हूँ उस से मा-सिवा बन जाऊँ तेरी आँखों को देखने के ब'अद मैं ने चाहा कि मैं ख़ुदा बन जाऊँ Share on: