आग़ाज़ है कुछ तिरा न अंजाम तिरा Admin ब्राह्मण शायरी वॉलपेपर, Rubaai << इस बाग़ में किस को फूल चु... ये दौर है यूँ अपनी बसीरत ... >> आग़ाज़ है कुछ तरह न अंजाम तिरा बंदों पे हमेशा लुत्फ़ है आम तिरा मंदिर में है हर ख़ुदा है तू मस्जिद में जपते हैं शैख़-ओ-बरहमन नाम तिरा Share on: