आईना-ए-महताब लिए आए हैं By Rubaai << ख़ुदी की ख़ल्वतों में गुम... रिंदों को बहिश्त की ख़बर ... >> आईना-ए-महताब लिए आए हैं शेरों में मय-ए-नाब लिए आए हैं इस दौर-ए-हक़ीक़त में भी ऐ फंकारो हम कितने हसीं ख़्वाब लिए आए हैं Share on: