रिंदों को बहिश्त की ख़बर दे साक़ी By Rubaai << आईना-ए-महताब लिए आए हैं पीरी में शबाब की निशानी न... >> रिंदों को बहिश्त की ख़बर दे साक़ी इक जाम पिला के मस्त कर दे साक़ी पैमाना-ए-उम्र है छलकने के क़रीब भर दे साक़ी शराब भर दे साक़ी Share on: