आला रुत्बे में हर बशर से पाया By Rubaai << तिरी दुनिया जहान-ए-मुर्ग़... बेताबी में हर तरह से बर्ब... >> आला रुत्बे में हर बशर से पाया अफ़ज़ल उन्हें ख़िज़्र-ए-राहबर से पाया ये दर जो न मिलता तो भटकते फिरते जन्नत का पता अली के घर से पाया Share on: