आशिक़ जो हुआ है तू किसी पर नागाह Admin नाग पंचमी शायरी, Rubaai << कभी इस रौशनी की क़ैद से ब... है फ़ितरत-ए-ज़न रमीदा आहू... >> आशिक़ जो हुआ है तो किसे पर नागाह है मेरी तरह से हाल तेरा भी तबाह क्या हुस्न है लाग़री में अल्लाह अल्लाह जिस पर क़ुर्बान हो मह-ए-आख़िर-ए-माह Share on: