अफ़ज़ल कोई मुर्तज़ा से हिम्मत में नहीं By Rubaai << तक़ाज़ा-ए-सिन कहने को बहुत अहल-ए-क़लम आ... >> अफ़ज़ल कोई मुर्तज़ा से हिम्मत में नहीं इस तरह का बंदा तो हक़ीक़त में नहीं तूबा तसनीम-ओ-ख़ुल्द-ओ-सेब-ओ-रुम्मान वो क्या है जो हैदर की विलायत में नहीं Share on: