अफ़्ज़ूँ जो शबाब दम-ब-दम होता है Admin बेसबाती, Rubaai << अश्क आए ग़म-ए-शह से जो चश्... अफ़्ज़ूँ जो शबाब दम-ब-दम होता है घटती है उम्र क्या सितम होता है है मिस्ल-ए-चराग़ ज़िंदगानी 'माइल' बत्ती जलती है तेल कम होता है Share on: