अंदाज़-ए-जफ़ा बदल के देखो तो सही Admin जमीन पर शायरी, Rubaai << मिलना किस काम का अगर दिल ... अब दुश्मन-ए-जाँ ही कुल्फ़... >> अंदाज़ जफ़ा बदल के देखो तो सही पाँव से ये फूल मल के देखो तो सही रंग गुल-कारी जबीन सज्दा इक दिन घर से निकल के देखो तो सही Share on: