बाबुल के घर से जब आई उठ कर डोली By Rubaai << दो दो मिरे मेहमान चले आते... आता है जो मुँह में मुझे क... >> बाबुल के घर से जब आई उठ कर डोली जागी मैं पिया के संग इकट्ठे सो ली देखो काया बन गई मिरी उन की छाया वो उठ कर चले तो मैं उन के पीछे हो ली Share on: