भाए जो निगाह को वही रंग अच्छा Admin भाई के लिए शायरी, Rubaai << हो आँखें तो देख मेरे ग़म ... हर बात को पहले तौलता है श... >> भाए जो निगाह को वही रंग अच्छा लाए जो राह पर वही ढंग अच्छा क़ुरआन-ओ-नमाज़ से अगर दिल न हो गर्म हंगाम-ए-रक़्स-ओ-मुतरिब-ओ-चंग अच्छा Share on: