बुलबुल की हज़ार आश्नाई देखी By Rubaai << दिल तुझ पे मिरा जो मुब्तल... तारीक है रात और दुनिया ज़... >> बुलबुल की हज़ार आश्नाई देखी और गुल की करोड़ बेवफ़ाई देखी कुछ अपना बुरा भला न देखा नाहक़ और दिल की बुराई भलाई देखी Share on: