दरयाफ़्त करे वज़्न हवा का मुझ से By Rubaai << गर यार से हर रोज़ मुलाक़ा... बीते हुए लम्हों का इशारा ... >> दरयाफ़्त करे वज़्न हवा का मुझ से पूछे वो कभी रंग सदा का मुझ से डरता हूँ वो मालूम न कर बैठे कहीं क्या नाता है सावन की घटा का मुझ से Share on: