दुनिया-तलबी जाएगी क्या जान के साथ Admin तलब शायरी, Rubaai << हैरान है क्यूँ राज़-ए-बक़... दुनिया से अलग जा के कहीं ... >> दुनिया-तलबी जाएगी क्या जान के साथ कैसी ये बला लगी मुसलमान के साथ कैसा क़ुरआन और कहाँ का ईमान ईमान रहा ताक़ पे क़ुरआन के साथ Share on: