हैरान है क्यूँ राज़-ए-बक़ा मुझ से पूछ Admin जावेद अख्तर की शायरी, Rubaai << हाँ ऐ दिल-ए-ईज़ा-तलब आराम... दुनिया-तलबी जाएगी क्या जा... >> हैरान है क्यूँ राज़-ए-बक़ा मुझ से पूछ मैं ज़िंदा-ए-जावेद हूँ आ मुझ से पूछ मरते हैं कहीं दिलों से बसने वाले जीना है तो मौत की दवा मुझ से पूछ Share on: