ऐ मर्द-ए-ख़ुदा नफ़्स को अपने पहचान By Rubaai << ऐ रौनक़-ए-लाला-ज़ार वापस ... अफ़्सोस शराब पी रहा हूँ त... >> ऐ मर्द-ए-ख़ुदा नफ़स को अपने पहचान इंसान यक़ीन है और अल्लाह गुमान मेरी बैअत के वास्ते हाथ बढ़ा पढ़ कलमा-ए-ला-इलाहा इल्ला-इंसान Share on: